फातिहा का आसान तरीका
अस्सलामो अलयकुम दोस्तों- इस पोस्ट में हमने फातिहा का तरीका बताया है! यानि की इसाले सवाब किस तरह किया जाता है ! अगर आप भी सीखना चाहते है पूरी पोस्ट पढ़े!सब से पहले वुजू करले बाद वुजू के क़िब्ला रुख बैठ कर जिस चीज पर फातिहा देनी हो या इसाले सवाब करना हो ! उसको सामने रख ले सामने रखना सिर्फ मुबाह और जायज है अगर वह चीज ढकी हुई हो तो उसे खोल्दे और लोबान अगरबत्ती सुलगाये और फातिहा ( Fatiha )की चीजों से दूर रखे और मुस्तहब तरीका पर फातिहा दे सबसे पहले अव्वल व आखिर 11-11 मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़े !
दरूदे इब्राहिम-Durude Ibrahim
- अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्येदिना मुहम्मदिव व अला आलि सय्येदिना मुहम्मदिन कमा सललेता अला सय्येदिना इब्राहिम व अला आलि सय्यदीना इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
- अल्लाहुम्मा बारिक अला सय्येदिना मुहम्मदिव व अला आलि सय्येदिना मुहम्मदिन कमा बारकता अला सय्येदिना इब्राहिम व अला आलि सय्यदीना इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
फिर कुर आने अज़ीम के चंद रुकूअ तिलावत करने के बाद सुरह काफ़िरून पढ़े
सूरह काफ़िरून – Surah Kafeerun
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहमा
- कुल या अय्युहल काफ़िरून
- ला अबदु माँ ता अबुदन
- वाला अन्तुम आबिदु न माँ आबुद
- वला अना आ बिदुम माँ अब ततुम
- वला अन्तुम आबिदु न माँ आ बू दू
- ला कम दिनु कम व लिय दीन
(एक बार पढ़े )
सूरए इख़्लास – Surah Ikhlaas
- कुल हुवल्लाहु अहद
- अल्लाहुस्समद
- लम यलिद व् लम यूलद
- वलम यकुल्लहू कुफुवन अहद
(तीन बार पढ़े )
सूरए फ़लक़ – Surah Falaq
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहमा
- कुल अऊजू बि रब्बिल फ़लक़
- मिन शर्रि माँ खलक
- वमिन शर्रि ग़ासिक़ीन इज़ा वकब
- व् मिन शर्रिन नफ्फा साति फ़िल उक़द
- व् मिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद
(एक बार पढ़े )
सूरए नास – Surah Naas
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहमा
- कुल अऊजू बि रब्बिन नासि
- मलिकिन नासि इला हिन्नासि
- मिन श र्रि ल वस् वासिल खन्ना सि
- अल्लज़ी युवस विसु फी सुदु रिन्नासी
- मिनल जिन्नति वन्नास
(एक बार पढ़े )
सूरए फ़ातिहा – Surah Fatiha
- बिस्मिल्लाह हिरह्मान निर्हिम
- अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन
- अर रहमा निर रहीम
- मालिकि यौमिद्दीन
- इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
- सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
- गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन
(एक बार पढ़े )
सूरए बक़रह – Surah Baqrah
- बिस्मिल्लाह हिरह्मान निर्हिम
- अलिफ़-लाम्-मीम्
- ज़ालिकल्किताबु ला रै-ब फीहि हुदल्-लिलमुत्तकीन
- अल्लज़ी-न युमिनू-न बिल-गैबि व युकीमूनस्सला-त व मिम्मा रजनाहुम् युन्फिकून
- वल्लज़ी-न युमिनू-न बिमा उन्जि-ल इलै-क व मा उन्ज़ि-ल मिन् कब्लि-क व बिल्-आखि-रति हुम् यूकिनून
- उलाइ-क अला हुदम्-मिर्रब्बिहिम् व उलाइ-क हुमुल्-मुफ्लिहून
व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद *! लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम *! इन् न रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन*! वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन *! मा का ना मुहम्मदुन अबा अ हदिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूल्लाहि व खात मन नबीय्यीन व कानल्लाहु *! बिकुल्लि शैइन अलीमा *! इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि *! या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लि मू तस्लीमा *! ( जो भी हाजिरीन फातिहा में हाजिर है सभी दुरुद शरीफ पढ़े ) (एक बार पढ़े )
दुरुद शरीफ-Durud Sharif
ल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललेता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
बख़्शने का तरीका (इसाले सवाब का तरीका)
Fatiha Ka Tarika – Isale Sawab Ka Tarika
ए अल्लाह मैंने तेरा कलमा पढ़ा और जो कुछ यह तबर्रुक हाजिर है इसे अपनी बारगाह में कुबूल फरमा इसमें जो कुछ गलतियां हो अपने फज़्लों करम से माफ फरमा और इनका सवाब हम सबके आका वह मौला हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की बारगाह में बतोरे नजराना पेश करते हैं कुबूल फरमा ! फिर हुजूर के सदके व तुफैल में जुमला अंबिया इकराम अलेही मुस्सलाम की आरवाहे तैयिबात को हदयतन तोहफतन पेश फरमा !फिर हुजूर के सदके में व अंबिया किराम के वसीले से जुमला सहाबए किराम व अजवाज़े मुतअहरात ताबिईन व तबए ताबिईन व जुमला ओलीयाए किराम व बुजुर्गाने दीन रिजवानुउल्लाहि तअला अलेहिम अजमईन की अरवाहे तय्येबात को इसका सवाब अता फरमा फिर बुजुर्गाने दीन के वसीले से जुमला मोमिनीन मुमिनात की रूहो को इसका सवाब अता फरमा !
बिल ख़ुसुस .... को इसका सवाब अता फरमा !
नोट – बिल ख़ुसुस के बाद जिसके नाम की फातिहा हो उसका नाम ले !
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