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15+ Darood Sharif

बड़ा जामे कौसर अता होगा    अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिंवँ  व अ़ला आलिही व अस़हाबिही व औलादिही व अज़वाजिही व जुर्रि यतिही व अहलि बैतिही व अस़-हारिही व अन्सारिही व अश्या-इही व मुहिब्बीही व उम्मतिही व अलैना म अ़ हुम अज मइना् या अर हमर राहिमीन  जो शख्स चाहे कि रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के  हौज़े कौसर से बडे पैमाने के साथ पानी नोश करे, उसको चाहिए कि ये दुरूद शरीफ ( darood sharif ) पढा करे

हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ज़ियारत अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन कमा अमर तना अन नुस़ल्लिय्या् अ़लैहि अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन कमा हुवा अहलुहू अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन कमा तुहिब्बु व तर्दा़ लहू  जो शख्स ख्वाब में हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जियारत करना चाहता हो वाे ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढा करे

अफ़ज़ल दुरूद शरीफ़ अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुहम्मदि निल-लज़ी  मल-अ्ता क़ल-बहू मिन जलालिका् व अ़ैनेहि मिन जमालिका् फ़-अस-बहा् फ़रिहम मसरूरम मुअ्य्येदम-मन्सूरा   शैख़ अब्दुल्लाह नौअमान रहमहुल्लाह अलैह को ख्वाब में सौ मर्तबा हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जियारत हुई !  आखिरी मर्तबा में उन्होने हुजूर से अफ़ज़ल दुरूद शरीफ़ दर्याफ़्त  किया ताे आपने ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif )  फ़रमाया

तमाम औकात में दुरूद शरीफ़ *अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन फी अव्वलि कलामिना*   *अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन फी आख़िरि कलामिना* शैखुल इस्लाम अबुल अब्बास ने फ़रमाया जाे शख्स दिन और रात मेंतीन तीन मर्तबा ये दुरूद शरीफ ( darood sharif ) पढे वाे  गाेया रात व दिन के तमाम औकात में दुरूद भेंजता रहा

सत्तर हजार फ़रिश्तो का अस्तग़फ़ार  जज़ल्लाहु तआला अ़न्ना मुहम्मदन सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लमा्  मा हुवा अह्-लुहू  जो शख्स ये कहा करे उसके लिए सत्तर हजार फ़रिश्ते एक हजार  दिऩ तक अस्तग़फ़ार करते रहेंगे

दस नेकिया  मौलाया् स़ल्लि व स़ल्लिम दाइमन अ़-ब-दन अ़ला ह़बीबिका् खै़रिल-ख़ल्क़ि कु़ल्लिहिमी अल्लाह तआला दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढ़ने वाले के लिए दस नेकियाँ लिख देता है ! उसके दस दर्ज़े बुलंद कर देता है और दस गुनाह मुआफ कर देता है

दुरूदे इस्मे आज़म  अल्लाहु रब्बू मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा न्हनु इबादु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा  यह दुरूद शरीफ़ कम से कम सौ मर्तबा पढ़ना रोज़ाना अपना मअमूल बना लीजिये ! फिर इसकी बरकत देखिये की दींन व दुनिया के हर काम में कामयाबी आप के कदम चूमेगी नाकामी की बाड़े खिज़ा कभी दूर से भी नहीं गुजरेगी

छः लाख दुरूद शरीफ़ का सवाब  अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुह़म्मदिन  अ़द़ा-द-मा फ़ी ईल्मिल्लाहि सलातन दा-इ-मतम बि-दवा-मि मुलकिल्लाही  शैखुद दलाइल ने हज़रात जलालुद्दीन सीयुती से रिवायत की इस दुरूद शरीफ़ को एक बार पढ़ने से छः लाख दुरूद शरीफ़ ( darood sharif )का सवाब हासिल होता है

दीदारे सरकारे दो आलम स़ल्ललाहु तअ़ाला अ़लैहि व् सल्लम अल्लाहुम्मा् स़ल्लि व स़ल्लिम व बारिक अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुह़म्मदि-निन नबीय्यिल उम्मिय्यि ह़बीबिल अ़ालियि क़द्रिल अ़ज़ीमिल जाहि व अ़ला आलिही व स़ह्बिही व सल्लिम बुजुर्गो ने फ़रमाया की जो शख्स हर शबे जुम्मा ( जुमेरात और जुम्मा की दरमियानी रात  ) इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) को पाबंदी से कम से कम एक बार पढ़ेगा ! मौत के वक़्त सरकारे दो आलम स़ल्ललाहु तअ़ाला अ़लैहि व् सल्लम की ज़ियारत करेगा ! और क़ब्र में दाखिल होते वक़्त भी देखेगा की सरकार उसे क़ब्र में अपने रहमत भरे हाथो से उतार रहे है !

दुरूदे खज़री – darood e khazri स़ल्ललाहु अ़ला ह़बीबिही व मुहम्मदिवँ व आलिही व बारका् वसल्लम  यह एक ऐसा दुरूदे पाक है की न फ़क़त रौज़-ए-अक़्दस स़ल्ललाहु तअ़ाला अ़लैहि व् सल्लम की हाज़िरी नसीब होती है ! बल्कि मुरादे दीं पाई जाती है और मुहब्बत में यक़ीनन इज़ाफ़ा होता रहता है ! फील हक़ीक़त दुरूदे खज़री ( darood e khazri )एक बड़ी नेअमत है !

दुरूदे नूर durood e noor अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन नूरील अनवारि व सिर्रिल असरारि व सय्यिदिल अबरारि  कर्रमल्लाहू वजहहु से हदीस शरीफ नक़ल है की  तुम्हारा मुझ पर दुरूद ( darood sharif ) पढ़ना तुम्हारी दुआओ की हिफाज़त करने वाला है ! और तुम्हारे रब की रिज़ा का सबब है !

दुरूदे जमाली  अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिवँ व अ़ला आलिही बी-क़दरी हुसनिही व जमालिही  हज़रत इमाम हसन बिन अली रदियल्लाहु अन्हुमा का इरशाद है ! की जो शख्स किसी मुहीम या परेशानी में हो इस दुरूदे पाक (Darood E Pak) को हजार बार मुहब्बत व शोक से पढ़े और अल्लाह तआला से !  अल्लाह तआला उसकी मुसीबत टाल देगा ! और उसको अपनी मुराद में कामयाब कर देगा !

मुँह की बदबू ज़ाइल करने का नुस्खा  अल्लाहुम्मा् स़ल्लि व स़ल्लिम अ़लन नबीय्यत् ताहिरि  दुरूदे पाक (Darood Pak) एक ही सांस में ग्यारह मर्तबा  बू दार चीज़े खाने से से मुँह में पैदा होने वाली बदबू दूर हो जाती है !

दुरूदे ख़ास  स़ल्ललाहु अलैका या मुह़म्मदु नुरम-मिन नुरिल्लाहि   कोई रंज या मुसीबत आ जाए तो सिद्क़ इस दुरूद शरीफ ( darood sharif ) को पढ़ने से हर क़िस्म की मुसीबते तक़लीफ़े और रंज व  ग़म ख़त्म हो जाते है !

दुरूदे इब्राहीम अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मद व अला आले मुहम्मद कमा सल्लयता अला इब्राहीम, व अला आले इब्राहीम, इन्नका हमीदुम्मजीद. अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मद व अला आले मुहम्मद कमा बारकता अला इब्राहीम व अला आले इब्राहीम, इन्नका हमीदुम्मजीद”

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