अज़ान इस्लाम में नमाज़ के लिए बुलावा है अज़ान का पाठ
अज़ान कैसे बोले
अज़ान बोलना (पढ़ना) एक पवित्र कार्य है, जो आमतौर पर मुअज्ज़िन (वह व्यक्ति जो अज़ान देता है) द्वारा मस्जिद में किया जाता है। यह पांचों दैनिक नमाज़ों (फज्र, ज़ुहर, अस्र, मग़रिब, इशा) के लिए मुसलमानों को नमाज़ के लिए बुलाने का तरीका है। अज़ान को सही तरीके से बोलने के लिए कुछ नियम और तरीके हैं, जिन्हें नीचे संक्षेप में बताया गया है:
अज़ान बोलने का तरीका
1. **नियत (इरादा)**:
- अज़ान देने से पहले दिल में नियत करें कि आप यह कार्य अल्लाह की रजा के लिए और मुसलमानों को नमाज़ की याद दिलाने के लिए कर रहे हैं।
- अज़ान देने वाला व्यक्ति पाक-साफ होना चाहिए, यानी वुज़ू (अब्दस्त) करना बेहतर है।
2. **स्थान और स्थिति**:
- परंपरागत रूप से, अज़ान मस्जिद के मीनार से दी जाती है, लेकिन इसे मस्जिद के अंदर या बाहर किसी ऊँचे स्थान से भी दिया जा सकता है।
- खड़े होकर, क़िबला (मक्का की दिशा) की ओर मुँह करके अज़ान दें।
- आवाज़ स्पष्ट और मधुर होनी चाहिए ताकि लोग इसे सुन सकें।
3. **अज़ान के शब्द**:
अज़ान के शब्द अरबी में हैं और इन्हें सही उच्चारण के साथ पढ़ना ज़रूरी है। नीचे अज़ान का पूरा पाठ, लिप्यंतरण (Transliteration), और हिंदी अनुवाद दिया गया है:
- **अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर** (الله أكبر)
*Transliteration*: Allahu Akbar, Allahu Akbar
*अनुवाद*: अल्लाह सबसे महान है
*दोहराएँ*: 2 बार (कुल 4 बार)
- **अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह** (أشهد أن لا إله إلا الله)
*Transliteration*: Ashhadu an la ilaha illa Allah
*अनुवाद*: मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
*दोहराएँ*: 2 बार
- **अश्हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह** (أشهد أن محمدا رسول الله)
*Transliteration*: Ashhadu anna Muhammadar Rasool Allah
*अनुवाद*: मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं
*दोहराएँ*: 2 बार
- **हय्या ‘अलस सलाह** (حي على الصلاة)
*Transliteration*: Hayya ‘ala-s-Salah
*अनुवाद*: नमाज़ के लिए आओ
*दोहराएँ*: 2 बार
*खास तरीका*: इस वाक्य को पढ़ते समय दाईं ओर मुँह करें।
- **हय्या ‘अलल फलाह** (حي على الفلاح)
*Transliteration*: Hayya ‘ala-l-Falah
*अनुवाद*: सफलता के लिए आओ
*दोहराएँ*: 2 बार
*खास तरीका*: इस वाक्य को पढ़ते समय बाईं ओर मुँह करें।
- **फज्र की अज़ान में अतिरिक्त वाक्य** (केवल फज्र नमाज़ के लिए):
**अस सलातु खैरुन मिनन नौम** (الصلاة خير من النوم)
*Transliteration*: As-salatu khayrun minan-nawm
*अनुवाद*: नमाज़ नींद से बेहतर है
*दोहराएँ*: 2 बार
- **अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर** (الله أكبر)
*Transliteration*: Allahu Akbar, Allahu Akbar
*अनुवाद*: अल्लाह सबसे महान है
*दोहराएँ*: 1 बार (कुल 2 बार)
- **ला इलाहा इल्लल्लाह** (لا إله إلا الله)
*Transliteration*: La ilaha illa Allah
*अनुवाद*: अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
*दोहराएँ*: 1 बार
4. **अज़ान देने का तरीका**:
- प्रत्येक वाक्य को स्पष्ट और मधुर आवाज़ में पढ़ें, हर वाक्य के बीच थोड़ा रुकें।
- **हय्या ‘अलस सलाह** और **हय्या ‘अलल फलाह** कहते समय सिर को क्रमशः दाईं और बाईं ओर घुमाएँ।
- कुछ जगहों पर मुअज्ज़िन दोनों तर्जनी उंगलियों को कानों में डालते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
- अज़ान को धीरे-धीरे और तान के साथ पढ़ा जाता है ताकि यह सुनने वालों के दिलों को छुए।
अज़ान देने के लिए महत्वपूर्ण बातें
- **आदब (सम्मान)**: अज़ान एक पवित्र कार्य है, इसलिए इसे पूरी शराफत और पवित्रता के साथ करें। बोलते समय गलत उच्चारण से बचें।
- **पवित्रता**: वुज़ू करना बेहतर है, हालाँकि यह अनिवार्य नहीं है। साफ कपड़े पहनें और शुद्ध स्थान पर खड़े हों।
- **समय**: अज़ान को नमाज़ के निर्धारित समय पर देना चाहिए। उदाहरण के लिए, आज 16 अगस्त 2025 को भारत में मग़रिब की नमाज़ सूर्यास्त के बाद (लगभग 6:30-7:00 PM ) होती है। सटीक समय के लिए स्थानीय मस्जिद या इस्लामी कैलेंडर देखें।
- **स्थान**: मस्जिद में अज़ान देना सुन्नत है, लेकिन अगर मस्जिद नहीं है, तो घर या किसी साफ जगह से भी दी जा सकती है।
अज़ान के बाद की प्रथा
- अज़ान देने के बाद मुअज्ज़िन और सुनने वाले दुरूद शरीफ पढ़ते हैं:
**अल्लाहुम्मा सल्ली ‘अला मुहम्मदिन व ‘अला आलि मुहम्मद**
- *अनुवाद*: ऐ अल्लाह! मुहम्मद और उनकी आल पर रहमत नाज़िल फरमा।
- इसके बाद यह दुआ पढ़ी जा सकती है:
**अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िहिद दवतित ताम्मति वस सलातिल क़ायिमति, आत मुहम्मदनिल वसीलता वल फज़ीलता, वबअसहु मक़ामम महमूदा अल्लज़ी वअदतहु**
- *अनुवाद*: ऐ अल्लाह! इस पूर्ण बुलावे और कायम होने वाली नमाज़ के रब, मुहम्मद को वसीला और फज़ीलत अता फरमा, और उन्हें वह मक़ाम-ए-महमूद दे जो तूने वादा किया।
शुरुआती लोगों के लिए सुझाव
- अगर आप पहली बार अज़ान दे रहे हैं, तो पहले अज़ान के शब्दों को अच्छी तरह याद कर लें। किसी जानकार व्यक्ति या मुअज्ज़िन से सही उच्चारण सीखें।
- मस्जिद में किसी अनुभवी मुअज्ज़िन की अज़ान सुनें और उनकी धुन और लहजा समझने की कोशिश करें।
- यूट्यूब या इस्लामी ऐप्स पर अज़ान की रिकॉर्डिंग सुनकर अभ्यास करें। उदाहरण के लिए, मक्का या मदीना की अज़ान की रिकॉर्डिंग सुनना मददगार हो सकता है।
आपके संदर्भ में
आपके पिछले सवालों (जैसे दुआ-ए-क़ुनूत) से पता चलता है कि आप इस्लामी प्रथाओं को समझने में रुचि रखते हैं। अगर आप अज़ान को पहली बार बोलना चाहते हैं, तो पहले मस्जिद में मुअज्ज़िन से सीखना या अभ्यास करना अच्छा रहेगा। यदि आप किसी खास शहर में अज़ान के समय या और जानकारी चाहते हैं, तो मुझे बताएँ, मैं वेब खोज के आधार पर सटीक जानकारी दे सकता हूँ।
क्या आप अज़ान के उच्चारण, धुन, या किसी खास नमाज़ के समय के बारे में और जानना चाहते हैं?
अज़ान का पाठ
अज़ान में विशिष्ट अरबी वाक्यांश होते हैं, जिनका गहरा अर्थ है। नीचे अरबी पाठ, उसका लिप्यंतरण (Transliteration), और हिंदी अनुवाद दिया गया है:
1. **अल्लाहु अकबर** (الله أكبر)
- *लिप्यंतरण*: Allahu Akbar
- *अनुवाद*: अल्लाह सबसे महान है
- *दोहराया जाता है*: 4 बार
2. **अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह** (أشهد أن لا إله إلا الله)
- *लिप्यंतरण*: Ashhadu an la ilaha illa Allah
- *अनुवाद*: मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
- *दोहराया जाता है*: 2 बार
3. **अश्हदु अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह** (أشهد أن محمدا رسول الله)
- *लिप्यंतरण*: Ashhadu anna Muhammadar Rasool Allah
- *अनुवाद*: मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं
- *दोहराया जाता है*: 2 बार
4. **हय्या ‘अलस सलाह** (حي على الصلاة)
- *लिप्यंतरण*: Hayya ‘ala-s-Salah
- *अनुवाद*: नमाज़ के लिए आओ
- *दोहराया जाता है*: 2 बार
5. **हय्या ‘अलल फलाह** (حي على الفلاح)
- *लिप्यंतरण*: Hayya ‘ala-l-Falah
- *अनुवाद*: सफलता के लिए आओ
- *दोहराया जाता है*: 2 बार
6. **अल्लाहु अकबर** (الله أكبر)
- *लिप्यंतरण*: Allahu Akbar
- *अनुवाद*: अल्लाह सबसे महान है
- *दोहराया जाता है*: 2 बार
7. **ला इलाहा इल्लल्लाह** (لا إله إلا الله)
- *लिप्यंतरण*: La ilaha illa Allah
- *अनुवाद*: अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
- *दोहराया जाता है*: 1 बार
*नोट*: फज्र (सुबह) की अज़ान में "हय्या ‘अलल फलाह" के बाद एक अतिरिक्त वाक्य जोड़ा जाता है:
- **अस सलातु खैरुन मिनन नौम** (الصلاة خير من النوم)
- *लिप्यंतरण*: As-salatu khayrun minan-nawm
- *अनुवाद*: नमाज़ नींद से बेहतर है
- *दोहराया जाता है*: 2 बार
अज़ान सुनने का तरीका और जवाब
अज़ान सुनते समय मुसलमानों को ध्यान से सुनना चाहिए और मुअज्ज़िन के बाद कुछ हिस्सों को धीरे-धीरे दोहराना चाहिए:
- **अल्लाहु अकबर** और दोनों शहादत (अश्हदु वाले वाक्य) के बाद वही वाक्य दोहराएँ।
- **हय्या ‘अलस सलाह** और **हय्या ‘अलल फलाह** के बाद कहें:
**ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह** (لا حول ولا قوة إلا بالله)
- *अनुवाद*: कोई ताकत और शक्ति अल्लाह के सिवा नहीं।
- फज्र की अज़ान में **अस सलातु खैरुन मिनन नौम** के बाद कहें:
**सदक़्ता व बररता** (صدقت وبررت)
- *अनुवाद*: तुमने सच कहा और नेकी की।
- अंतिम **ला इलाहा इल्लल्लाह** के बाद पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर दुरूद पढ़ना सुन्नत है:
**अल्लाहुम्मा सल्ली ‘अला मुहम्मदिन व ‘अला आलि मुहम्मद** (اللهم صل على محمد وعلى آل محمد)
- *अनुवाद*: ऐ अल्लाह! मुहम्मद और उनकी आल पर रहमत नाज़िल फरमा।
उद्देश्य और महत्व
- अज़ान अल्लाह की एकता और नमाज़ की अहमियत की याद दिलाता है।
- यह समुदाय को नमाज़ के लिए एकत्र करता है, जिससे एकता और अनुशासन बढ़ता है।
- यह ईमान का सार्वजनिक ऐलान है, जो विश्व भर में मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में सुना जाता है।
- नवजात शिशु के कान में अज़ान पढ़ना मुस्लिम समुदाय में स्वागत का पहला कदम है।
सांस्कृतिक और संदर्भगत जानकारी
- अज़ान पूरी दुनिया में अरबी में पढ़ी जाती है, भले ही स्थानीय भाषा कुछ भी हो।
- कुछ क्षेत्रों में अज़ान की धुन या शैली अलग हो सकती है, लेकिन शब्द वही रहते हैं।
- इसे आमतौर पर मुअज्ज़िन द्वारा मधुर आवाज़ में पढ़ा जाता है, हालाँकि आधुनिक समय में रिकॉर्डिंग भी इस्तेमाल होती है।
- अज़ान के बाद इक़ामह पढ़ी जाती है, जो नमाज़ शुरू होने से ठीक पहले का छोटा बुलावा है।
आपके पिछले सवालों से संबंध
आपके पिछले सवालों (जैसे दुआ-ए-क़ुनूत और आयतुल कुर्सी) को देखते हुए, ऐसा लगता है कि आप इस्लामी प्रथाओं के बारे में जानना चाहते हैं। अज़ान सलाह का आधारभूत हिस्सा है, जो दुआ-ए-क़ुनूत (वित्र नमाज़ में पढ़ी जाने वाली) जैसी प्रार्थनाओं के समय को चिह्नित करता है। यदि आप चाहें, तो मैं अज़ान के समय, इसके प्रकार, या इसके जवाब देने के तरीके के बारे में और जानकारी दे सकता हूँ।
कृपया बताएँ कि क्या आप अज़ान के किसी खास पहलू, जैसे इसका समय, आध्यात्मिक लाभ, या संबंधित प्रथाओं के बारे में और जानना चाहते हैं!
अज़ान को अरबी में सही उच्चारण और मधुर आवाज़ के साथ बोलना एक पवित्र कार्य है, जो मुअज्ज़िन द्वारा मस्जिद में पांचों दैनिक नमाज़ों (फज्र, ज़ुहर, अस्र, मग़रिब, इशा) के लिए पढ़ा जाता है। नीचे अज़ान के अरबी शब्द, उनका सही क्रम, उच्चारण के लिए लिप्यंतरण (Transliteration), और इसे बोलने का तरीका विस्तार से बताया गया है।
अज़ान के अरबी शब्द और उच्चारण
अज़ान को अरबी में पढ़ते समय शब्दों का सही उच्चारण और तनाव (लहजा) महत्वपूर्ण है। यहाँ अज़ान का पूरा पाठ है:
1. **الله أكبر، الله أكبر**
- *लिप्यंतरण*: Allahu Akbar, Allahu Akbar
- *उच्चारण गाइड*: "अल्लाहु" पर जोर, "अकबर" में "क" को हल्का तनाव।
- *दोहराएँ*: 2 बार (कुल 4 बार)।
2. **أشهد أن لا إله إلا الله**
- *लिप्यंतरण*: Ashhadu an la ilaha illa Allah
- *उच्चारण गाइड*: "अश्हदु" में "श" पर जोर, "ला इलाहा" को धीरे और स्पष्ट पढ़ें, "इल्लल्लाह" में "ल्ला" को लंबा करें।
- *दोहराएँ*: 2 बार।
3. **أشهد أن محمدا رسول الله**
- *लिप्यंतरण*: Ashhadu anna Muhammadar Rasool Allah
- *उच्चारण गाइड*: "मुहम्मदन" में "मु" पर जोर, "रसूल" को स्पष्ट और "अल्लाह" को लंबा करें।
- *दोहराएँ*: 2 बार।
4. **حي على الصلاة**
- *लिप्यंतरण*: Hayya ‘ala-s-Salah
- *उच्चारण गाइड*: "हय्या" में "ह" को हल्का और "य्या" को लंबा करें, "स्सलाह" में "स" पर जोर।
- *दोहराएँ*: 2 बार।
- *खास तरीका*: इस वाक्य को पढ़ते समय सिर को दाईं ओर घुमाएँ।
5. **حي على الفلاح**
- *लिप्यंतरण*: Hayya ‘ala-l-Falah
- *उच्चारण गाइड*: "हय्या" वही लहजा, "फलाह" में "फ" को स्पष्ट और "लाह" को लंबा करें।
- *दोहराएँ*: 2 बार।
- *खास तरीका*: इस वाक्य को पढ़ते समय सिर को बाईं ओर घुमाएँ।
6. **फज्र अज़ान में अतिरिक्त** (केवल फज्र नमाज़ के लिए):
**الصلاة خير من النوم**
- *लिप्यंतरण*: As-salatu khayrun minan-nawm
- *उच्चारण गाइड*: "स्सलातु" में "स" पर जोर, "खैरुन" में "ख" को गले से, "मिनन नौम" में "नौम" को हल्का लंबा करें।
- *दोहराएँ*: 2 बार।
7. **الله أكبر، الله أكبر**
- *लिप्यंतरण*: Allahu Akbar, Allahu Akbar
- *उच्चारण गाइड*: पहले जैसा ही, स्पष्ट और मधुर।
- *दोहराएँ*: 1 बार (कुल 2 बार)।
8. **لا إله إلا الله**
- *लिप्यंतरण*: La ilaha illa Allah
- *उच्चारण गाइड*: "ला इलाहा" को धीरे, "इल्लल्लाह" में "ल्ला" को लंबा और मधुर करें।
- *दोहराएँ*: 1 बार।
अज़ान बोलने का तरीका
1. **तैयारी**:
- **वुज़ू**: अज़ान देने से पहले वुज़ू करना बेहतर है, हालाँकि अनिवार्य नहीं।
- **नियत**: दिल में नियत करें कि आप अल्लाह की रजा के लिए और मुसलमानों को नमाज़ की याद दिलाने के लिए अज़ान दे रहे हैं।
- **स्थान**: मस्जिद के मीनार, छत, या ऊँचे स्थान से अज़ान दें। अगर मस्जिद नहीं है, तो घर के साफ स्थान से भी दे सकते हैं। क़िबला (मक्का) की ओर मुँह करें।
2. **बोलने का तरीका**:
- **आवाज़**: अज़ान को मधुर, स्पष्ट और ऊँची आवाज़ में पढ़ें ताकि आसपास के लोग सुन सकें। लहजा सुरीला और शांतिपूर्ण हो।
- **रुकावट**: प्रत्येक वाक्य के बाद हल्का रुकें (1-2 सेकंड) ताकि शब्द स्पष्ट रहें।
- **सिर की दिशा**:
- **حي على الصلاة** (हय्या ‘अलस सलाह) के दौरान सिर को दाईं ओर घुमाएँ।
- **حي على الفلاح** (हय्या ‘अलल फलाह) के दौरान सिर को बाईं ओर घुमाएँ।
- **उंगलियाँ**: कुछ मुअज्ज़िन दोनों तर्जनी उंगलियों को कानों में डालते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
- **लहजा**: अज़ान को तान (मेलोडी) के साथ पढ़ें। हर क्षेत्र में लहजा थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन शब्द वही रहते हैं।
3. **अज़ान के बाद**:
- अज़ान पूरी होने के बाद दुरूद शरीफ पढ़ें:
**اللهم صل على محمد وعلى آل محمد**
- *लिप्यंतरण*: Allahumma salli ‘ala Muhammadin wa ‘ala aali Muhammad
- *अनुवाद*: ऐ अल्लाह! मुहम्मद और उनकी आल पर रहमत नाज़िल फरमा।
- इसके बाद यह दुआ पढ़ें:
**اللهم رب هذه الدعوة التامة والصلاة القائمة، آت محمدا الوسيلة والفضيلة، وابعثه مقاما محمودا الذي وعدته**
- *लिप्यंतरण*: Allahumma Rabba hadhihi-d-da‘watit-tammati was-salatil qa’imati, aati Muhammadan al-waseelata wal-fadilata, wab‘athhu maqaman mahmudan alladhi wa‘adtah.
- *अनुवाद*: ऐ अल्लाह! इस पूर्ण बुलावे और कायम होने वाली नमाज़ के रब, मुहम्मद को वसीला और फज़ीलत अता फरमा, और उन्हें वह मक़ाम-ए-महमूद दे जो तूने वादा किया।
अज़ान बोलने के लिए टिप्स
- **उच्चारण सीखें**: अरबी शब्दों का सही उच्चारण सीखने के लिए किसी क़ारी या मुअज्ज़िन से मार्गदर्शन लें। अरबी में हल्के और भारी अक्षरों (जैसे "ح" और "ه") का ध्यान रखें।
- **अभ्यास**: मक्का या मदीना की अज़ान की रिकॉर्डिंग (यूट्यूब या इस्लामी ऐप्स जैसे Athan Pro) सुनकर अभ्यास करें। उदाहरण के लिए, शेख अली मुल्ला या मक्का की अज़ान की धुन सुनें।
- **लहजा**: अज़ान में मधुर तान (मेलोडी) ज़रूरी है। इसे सीखने के लिए मस्जिद में मुअज्ज़िन की अज़ान सुनें और उनके लहजे का अनुकरण करें।
- **गलतियों से बचें**: शब्दों को गलत पढ़ने या छोड़ने से बचें, क्योंकि अज़ान के शब्द पवित्र और निर्धारित हैं।
समय और संदर्भ
आज 16 अगस्त 2025, शनिवार, और समय 08:45 PM IST है। इस समय भारत में मग़रिब की नमाज़ का समय बीत चुका होगा, और इशा की नमाज़ का समय चल रहा होगा। इशा की अज़ान में **الصلاة خير من النوم** नहीं पढ़ा जाता। यदि आप किसी खास शहर (जैसे दिल्ली, मुंबई) के लिए सटीक समय चाहते हैं, तो बताएँ, मैं वेब खोज के आधार पर बता सकता हूँ।
_______***End***________
The Azan (or Adhan) is the Islamic call to prayer, recited by a muezzin to announce the time for the five daily prayers (Salah). It is a public invitation to Muslims to perform their obligatory prayers, typically broadcast from a mosque’s minaret or loudspeakers.
### Text of the Azan
The Azan consists of specific phrases recited in Arabic, each with a profound meaning. Below is the standard text in Arabic, its transliteration, and English translation:
1. **Allahu Akbar** (الله أكبر)
- *Transliteration*: Allahu Akbar
- *Translation*: Allah is the Greatest
- *Repeated*: 4 times
2. **Ashhadu an la ilaha illa Allah** (أشهد أن لا إله إلا الله)
- *Transliteration*: Ashhadu an la ilaha illa Allah
- *Translation*: I bear witness that there is no god but Allah
- *Repeated*: 2 times
3. **Ashhadu anna Muhammadar Rasool Allah** (أشهد أن محمدا رسول الله)
- *Transliteration*: Ashhadu anna Muhammadar Rasool Allah
- *Translation*: I bear witness that Muhammad is the Messenger of Allah
- *Repeated*: 2 times
4. **Hayya ‘ala-s-Salah** (حي على الصلاة)
- *Transliteration*: Hayya ‘ala-s-Salah
- *Translation*: Come to prayer
- *Repeated*: 2 times
5. **Hayya ‘ala-l-Falah** (حي على الفلاح)
- *Transliteration*: Hayya ‘ala-l-Falah
- *Translation*: Come to success
- *Repeated*: 2 times
6. **Allahu Akbar** (الله أكبر)
- *Transliteration*: Allahu Akbar
- *Translation*: Allah is the Greatest
- *Repeated*: 2 times
7. **La ilaha illa Allah** (لا إله إلا الله)
- *Transliteration*: La ilaha illa Allah
- *Translation*: There is no god but Allah
- *Repeated*: 1 time
*Note*: For the Fajr (dawn) prayer, an additional phrase is included after "Hayya ‘ala-l-Falah":
- **As-salatu khayrun minan-nawm** (الصلاة خير من النوم)
- *Transliteration*: As-salatu khayrun minan-nawm
- *Translation*: Prayer is better than sleep
- *Repeated*: 2 times
### Etiquette and Response
When Muslims hear the Azan, it is recommended to listen attentively and repeat specific parts silently or softly after the muezzin:
- After **Allahu Akbar** and the two testimonies (**Ashhadu** phrases), repeat the same words.
- After **Hayya ‘ala-s-Salah** and **Hayya ‘ala-l-Falah**, say:
**La hawla wa la quwwata illa billah** (لا حول ولا قوة إلا بالله)
- *Translation*: There is no power or strength except with Allah.
- After the Fajr Azan’s **As-salatu khayrun minan-nawm**, say:
**Sadaqta wa bararta** (صدقت وبررت)
- *Translation*: You have spoken the truth, and you have done well.
- After the final **La ilaha illa Allah**, it’s customary to send blessings upon the Prophet Muhammad (peace be upon him) by saying:
**Allahumma salli ‘ala Muhammadin wa ‘ala aali Muhammad** (اللهم صل على محمد وعلى آل محمد)
- *Translation*: O Allah, send blessings upon Muhammad and the family of Muhammad.
### Purpose and Significance
- The Azan serves as a reminder of the oneness of Allah and the importance of prayer.
- It calls the community to gather for worship, fostering unity and discipline.
- It is a public declaration of faith, heard in Muslim-majority regions worldwide.
- The Azan is also recited in the ear of a newborn baby as one of the first acts of welcoming them into the Muslim community.
Cultural and Contextual Notes
- The Azan is recited in Arabic worldwide, regardless of the local language, preserving its universal form.
- In some regions, the style or melody of the Azan may vary, but the words remain consistent.
- It is typically performed by a muezzin with a clear, melodious voice, though in modern times, recordings are sometimes used.
- The Azan is followed by the Iqamah, a shorter call recited just before the prayer begins, signaling the congregation to line up.
Connection to Your Previous Questions
Based on our prior conversations about Islamic prayers and recitations (like Dua-e-Qunoot and Ayatul Kursi), it seems you’re exploring Islamic practices. The Azan is a foundational element of Salah, marking the time for prayers like those involving Dua-e-Qunoot (recited during Witr prayer). If you’d like, I can provide more details on how the Azan integrates with daily prayers or its spiritual benefits, or even explore related recitations.
If you have specific questions about the Azan—such as its timing, variations, or how to respond to it—let me know, and I’ll tailor the answer further!
Post a Comment