Bibi Sakina Noha 2024 Mujhe Ap Baba Bohat Yaad Aye Lyrics AbuTalib Shah Bibi Sakina Shahadat Noha 2024 13 Safar Noha 2024
Recitor: Syed Abutalib Shah
Poet: Murtajiz Hasnain Akbar
Composition: Master Syed Muhammad Shah
Vocals: Studio i
Audio Mixing & Master: Lawa studio
Video: Riz Records
Creatives: A R Graphics
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मेरा सलाम उस मासूमा
पे जिसके रुख सारों का
रंग कर्बला से शाम
तक बदलता रहा सकीना के लब पर रहा एक नोहा
मुझे आप बाबा बहुत याद आए सकीना के रब पर
कहा एक महा मुझे आप बाबा बहुत याद आए
सितमगर ने मारा जो मुझको तमाचा सितमगर ने
मारा जो मुझको
तमाचा मुझे आप बा
बहुत याद आए
सना खेद पर कहा एक नहा मुझे आप बाबा बहुत
याद आए
सकीना केब पर कहा एक नोहा मुझे आप बाबा
बहुत याद आए बताया था मुझको यह तुमने बाबा
के कफे में काफी है दादा के नौकर मगर हर
जगह से ज्यादा वहां पर तेरी शा आजादी ने
खाए हैं पत्थर असरों का कुंबा जो कफे से
गुजरा मुझे आप बाबा बहुत याद आए सकीना के
पर क्या एक नोहा मुझे आप बाबा बहुत याद
आएए सकीना केब पर कहा एक नोहा मुझे आप
बाबा बहुत याद आए छड़ी तक नाना का कोमारी
थी जिसने उसे हर कदम पर लगे ताजि आने ना
तुम हो ना गाजी चचा है सलामत कहां कोई
आएगा उसको
बचाने कहीं भी किसी ने जो भैया
कुमारा मुझे आप बाबा बहुत याद आ
सकीना के पर रहा एक नौहा मुझे आप बाबा
बहुत याद आई सकीना के दिब पर कहा एक मौहा
मुझे आप बाबा बहुत याद आए सदा अपनी
आगोश में तुमने रखा मेरे पां वाकिफ नहीं
थे जमी से मैं कैसे बताऊं सितमगर को बाबा
मुझे कितने नाजो से पाला था तुमने उतारा
किसी ने जो कहके
यतीमा मुझे आप बाबा बहुत याद
आए ना के दिब पर रहा एक नहा मुझे आप बाबा
बहुत याद आए सकीना के र पर क एक नहा मुझे
आप बाबा बहुत याद
आए मुझे याद
आई वो हालत
तुम्हारी जो अकबर के लाश प छाई थी तुम
पर
तुम्हारा वो गिरना तुम्हारा
संभलना
निगाहों में आने लगे सारे
मजर जब आंखों में
मेरी समाया
अंधेरा मुझे आप
बाबा बहुत याद
आए सकीना केब पर य एक नहा मुझे
आपना बहुत याद आए सकीना केब पर रहा एक
लोहा मुझे
बाबा बहुत याद आए सुना था ये अम्मा से
मैंने बाबा के तुमने यह वादा फुपी से किया
था तू कारे खुदा में शरीके सफर है हमेशा
रहेंगे बहन भाई
अज भी जो देखा फुपी को अकेला मुझे आप बाबा
बहुत याद आई सकीना के पर कहा एक नोहा मुझे
आप बाबा बहुत याद आई सकीना के दिब पर कहा
एक नहा मुझे आप बाबा बहुत याद आई लुटी सर
से चादर तो याद आप आए छिने मेरे गहर तो
याद आप आए जो बालों से पकड़ा मुझे जालिमों
ने किए जुल्म मुझ पर तो याद आप आए संगर ने
मारा जो पहला
तमाचा मुझे आप बाबा बहुत याद आए सकीना के
दिब पर गाए एक नहा मुझे आप बाबा बहुत याद
आए सकीना के रब पर कहा एक महा मुझे आप
बाबा बहुत या
आए किया
मुर्तजा तेरा चेहरा आंखों में अक्सर
समाया मुझे यूं लगा जैसे लहजे में तेरे
मुझे फिर सकीना के सीने बुलाया जो देखा
किसी बाप बेटी को यजा मुझे आप बाबा बहुत
याद आए सकीना के रब पर रहा एक नोहा मुझे
आप बाबा बहुत याद आए सकीना के दिब पर रहा
एक नोहा मुझे आप बाबा बहुत याद आए
मुझे आप बाबा बहुत याद आए
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