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Hazrat Luqman Haqeem as aur Ek Gadhay Ka Waqiya | Islamic Stories | Islamic LifeCycle

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बिस्मिल्लाह रहमान रहीम मोहतरम नाजरीन
अस्सलाम वालेकुम आज की वीडियो में हम आपको
हजरत लुकमान अलैहि सलाम के बारे में
बताएंगे तारीख में जिन अजमल मरतबक और साले
हुकमार हुआ है उनमें से एक हजरत लुकमान अल
सलाम हैं आपका इसम मुबारक कुरान में दो
बार जिक्र हुआ है और कुरान का सूरा नंबर
31 भी उन्हीं के नाम से मसू है हजरत
लुकमान के बारे में रसूल करीम सल्लल्लाहु
अलैहि वालि वसल्लम की एक हदीस है मैं हक
बात कहता हूं कि लुकमान पैगंबर नहीं थे
लेकिन ऐसे बंदे थे जो बहुत ज्यादा गौर और
फिक्र करते थे वो यकीन और ईमान के बुलंद
दर्जे पर फायज थे वह अल्लाह को दोस्त रखते
थे और अल्लाह ताला भी उन्हें दोस्त रखता
था और अल्लाह ताला ने उन्हें हिकमत जैसी
नेत से नवाजा था हजरत लुकमान उन अफराद में
से थे जिन्होंने तवील उम्र पाई आपकी उम्र
के बारे में 200 से 560 और 1000 से 3500
साल तक लिखा गया है आपका सिलसिला
नसबी
अनकाइलो आप अल सलाम का लकब अबुल अवद था
बाज उन्हें हजरत अयूब अल सलाम का भांजा या
उनकी खाला का बेटा लिखते हैं कि उनका
सिलसिला नसबे तारीख तक पहुंचता है जो हजरत
इब्राहिम अल सलाम के भाई हैं वो अफ्रीका
के देहात नोबा के रहने वाले थे इस वजह से
उनका रंग सियाह होठ मोटे-मोटे और पांव
चौड़े चौड़े थे वह एक अरसा तक बनी इस्राइल
के एक दौलतमंद शख्स कैन बिन हसर के गुलाम
रहे लेकिन उनकी हिकमत की वजह से उन्हें
उनके अरबाब ने आजाद कर दिया था मशहूर और
मारूफ मुहस मसूदी लिखते हैं कि लुकमान
अफ्रीका के एक गांव नोबा के रहने वाले थे
उनके आका का नाम कैन बिन हसर था हजरत
लुकमान अल सलाम हजरत दाऊद अल सलाम की
हुकूमत के दसवें साल दुनिया पर तशरीफ लाए
वह एक अब्दे सालेह थे अल्लाह ताला ने
उन्हें हिकमत की नेमत से नवाजा उन्होंने
तवील उम्र पाई दुनिया के मुख्तलिफ हिस्सों
में जिंदगी गुजारी उनसे हमेशा हिकमत दाना
जाहिर होती और वह हजरत यूनुस अल सलाम के
जमाने तक जिंदा रहे एक हदीस में आया है कि
हजरत लुकमान अलैहि सलाम ने अपने बेटे से
फरमाया ऐ मेरे बेटे मैंने 400 पैगंबरों की
खिदमत की है मैंने उनके कलाम से चार बातें
अखज की हैं जिस वक्त तुम नमाज की हालत में
हो तो अपने दिल की हिफाजत करो जिस वक्त
तुम दस्तरखान पर बैठे हो तो अपने गले को
महफूज रखो यानी हराम माल से बचाओ जिस वक्त
तुम किसी दूसरे के घर में जाओ तो अपनी आंख
को बचाओ यानी ना महरम पर निगाह डालने से
बाज रहो और जिस वक्त लोगों के दरमियान में
जाओ तो अपनी जुबान की हिफाजत करो कहा जाता
है कि हजरत लुकमान अल सलाम ने अपनी जिंदगी
का बेश तर हिस्सा मशरक वस्ता खासकर
फलस्तीन और बैतुल मुकद्दस में गुजारा है
और उनकी कब्र फलस्तीन की एक बंदरगाह इला
में है हजरत लुकमान अल सलाम जो कि एक स्या
फाम अफ्रीकी और बदसूरत शख्स होते हुए
हिकमत के बुलंद बाला मकाम पर फायज हुए हैं
तो यह सिर्फ और सिर्फ रूह नफ्स की
खूबसूरती और दिल की पाकीजा से है इसी बिना
पर रिवायत में आया है कि किसी शख्स ने
हजरत लुकमान अल सलाम से पूछा क्या तुम
हमारे साथ भेड़ बकरियां नहीं चराते थे
हजरत लुकमान अल सलाम ने कहा हां ऐसा ही है
उसने पूछा आप यह बताएं कि आपको इल्म हिकमत
कहां से नसीब हुई आप तो किसी मदरसा में
नहीं पढ़े हजरत लुकमान अल सलाम ने जवाब
में फरमाया मुझे यह हिकमत अल्लाह की मर्जी
अमानत अदा करने सच बोलने और बेहूदा बातों
से बचने की वजह से नसीब हुई है हजरत
लुकमान अल सलाम की अपने फरजंद के नाम वह
10 नसीहत जो कुरान की पांच आयात में मजकूर
हैं अकाय खलाक और आदाब
मुशरणा पाक की सूर लुकमान में मौजूद हैं ऐ
बेटे किसी चीज को अल्लाह का शरीक ना बनाओ
बेशक शिर्क बहुत बड़ बड़ा जुल्म है ऐ बेटा
नेकी या बदी एक राई के दाने के बराबर हो
और किसी पत्थर के अंदर हो या आसमानों पर
हो या जमीनों की गहराइयों में हो तो खुदा
रोज कयामत जरूर उसे सामने लाएगा कि वह
लतीफ भी है और बाख ब भी है बेटा नमाज कायम
करो नेकियों का हुक्म दो बुराइयों से मना
करो और इसमें जो मुसीबत पड़े उस पर सब्र
करो कि यह बहुत बड़ी हिकमत का काम है और
खबरदार लोगों के सामने अकड़ करर मुंह ना
फुला लेना जमीन पर गुरूर के साथ ना चलना
कि खुदा अकड़ने वाले और मगरूर को पसंद
नहीं करता है और अपनी रफ्तार में मयाना
रवी से काम लेना और अपनी आवाज को दीमा
रखना कि सबसे बदतर आवाज गधे की आवाज होती
है रसूल खुदा सल्लल्लाहु अलैहि वालि
वसल्लम से मनकुल है कि एक दिन जनाबे
लुकमान अल सलाम दोपहर के वक्त आराम की
नींद सो रहे थे कि अचानक उन्होंने एक आवाज
सुनी ऐ लुकमान क्या आप यह चाहते हैं कि
खुदा वंदे मुताल आपको जमीन पर अपना खलीफा
और नुमाइंदा करार दे ताकि आप लोगों के
दरमियान हक का फैसला करें जनाबे लुकमान अल
सलाम ने जवाब में कहा अगर मेरा परवरदिगार
मुझे इख्तियार दे तो मैं राहे आफियत कबूल
करूंगा और इस बहुत बड़े इम्तिहान के लिए
तैयार नहीं हूंगा लेकिन अगर हुक्म हो तो
इसे दिल जान से कबूल करूंगा क्योंकि मैं
जानता हूं कि अगर तू मेरे कांधे पर ऐसी
जिम्मेदारी डालेगा तू जरूर बजर मेरी मदद
करेगा और मुझे लगज शों से महफूज रखेगा
फरिश्तों ने कहा ऐ लुकमान कजव की
जिम्मेदारी क्यों कबूल नहीं करते हो जनाबे
लुकमान अल सलाम ने कहा क्योंकि लोगों के
दरमियान कजव करना सख्त तरीन मनाजिल और अहम
तरीन मराल में से है और हर तरफ से जुल्म
और सितम की अमवा आज उसकी तरफ
मुतजेंस
है और वह गलत रास्ते पर चल निकले तो
बहिश्त के रास्ते से मुन हरफ हो जाता है
जिस शख्स का सर दुनिया में नीचे और आखिरत
में बुलंद हो वह उससे कहीं बेहतर है कि
जिसका सर दुनिया में बुलंद और आखिरत में
नीचे हो जो शख्स दुनिया को आखिरत पर तरजीह
देता है उसे दुनिया भी नहीं मिलती और
आखिरत से भी हाथ दो बैठता है फरिश्ते हजरत
लुकमान अलैहि सलाम की इस खूबसूरत मतक से
हैरान रह गए जनाबे लुकमान इस गुफ्तगू के
बाद गहरी नींद सो गए अल्लाह ताला ने उनके
दिल में हिकमत का नूर रोशन किया जब वह
नींद से बेदार हुए तो उनकी जुबान पर हिकमत
जारी हुई उन्होंने अपनी सरशर हिकम तों के
जरिए मुश्किलात को हल करने के लिए हजरत
दाऊद अलैहि सलाम की मदद की हजरत दाऊद
अलैहि सलाम ने उनसे फरमाया ऐ लुकमान आपको
खुशखबरी हो कि आपको हिकमत अता की गई है अब
हम आपके लिए हजरत लुकमान अलैहि सलाम के
चंद वाक्यात और दास्ताने बयान करते हैं
जिनमें हम सबके लिए सबक और नसीहत है एक
हवस बाज दौलतमंद शख्स किसी चश्मे के
किनारे बैठा जुए बाजी में मशगूल था उसने
मस्ती की हालत में यह शर्त बांधी कि जो
कोई भी हार गया वह या तो इस चश्मे का सारा
पानी पिएगा या अपनी बीवी और अपना माल दौलत
जीतने वाले के सुपुर्द कर देगा ख्वाहिश का
दिल ददा दौलतमंद शख्स बाजी हार गया जीतने
वाले शख्स ने उस मालदार शख्स से उसकी बीवी
और दौलत हवाले करने का मुतालबा किया वह अब
बहुत बड़ी मुश्किल में फंस चुका था उसने
एक दिन की मोहलत मांगी और जाकर जनाबे
लुकमान अल सलाम से दरख्वास्त की कि वह उसे
इस मुश्किल से निकाल लें हजरत लुकमान
अलैहि सलाम ने उस शख्स से कहा मैं एक शर्त
पर तुम्हें इस मुश्किल से निजात दिलाऊंगा
वह शर्त यह है कि आज के बाद जुआ नहीं
खेलोगे उस मालदार शख्स ने हजरत लुकमान
अलैहि सलाम की शर्त कबूल कर ली जनाबे
लुकमान अलैहि सलाम ने उससे कहा जिस वक्त
वह जीतने वाला शख्स तुम्हारे पास आकर
चश्मे का सारा पानी पीने या सारी दौलत और
बीवी हवाले करने का मुतालबा करें तो उसे
यूं कहो अगर तुम्हारा मुराद वह पानी है जो
कल इस नदी में था तो उसे ले आओ ताकि मैं
पिऊ और अगर मुराद वह पानी है जो इस वक्त
मौजूद है तो तुम चश्मे का मुंह बंद करो
ताकि बचने वाला बाकी पानी पी सकूं और अगर
तुम्हारी मुराद वह पानी है जो आइंदा इस
नदी में जारी होगा तो आइंदा अभी तक आया
नहीं है लिहाजा सब्र से काम लो उस दौलतमंद
शख्स ने जुआ जीतने वाले शख्स के सामने यही
मुतालबा रखे तो उसके पास कोई चारा का ना
रहा और उसका मुंह बंद हो गया यही वह मकाम
है जब हजरत लुकमान अल सलाम की हिकमत आशका
हुई और लोगों ने उन्हें पहचाना
तारीखे अंबिया के मुताबिक वह दौलतमंद शख्स
हजरत लुकमान अल सलाम का आका कैन था जिसने
30 मिसकाल सोने के इज में हजरत लुकमान को
खरीदा था उसने इस वाकया के बाद जनाबे
लुकमान को आजाद कर दिया था एक दिन हजरत
लुकमान अल सलाम के अरबाब ने उनसे कहा एक
गोस फंद यानी भेड़ जिबाह करो और उसके तमाम
आजा में से दो बेहतरीन आजा मेरे लिए पका
कर लाओ हजरत लुकमान ने गोस फंद जिबाह किया
उसकी जुबान और उसका दि ल निकाला उन्हें
पकाकर अपने अरबाब के सामने ला रखा अगले
दिन अरबाब ने फिर कहा कि गोस फंद के आजा
में से दो बदतर आजा पका कर ले आओ हजरत
लुकमान ने फिर जुबान और दिल पकाकर अरबाब
की खिदमत में हाजिर कर दिए अरबाब ने पूछा
मैंने तुम्हें कहा था कि दो बेहतरीन आजा
पका कर लाओ तो तुम जुबान और दिल पका कर
लाए फिर मैंने तुमसे बदतर अजा का मुतालबा
किया तो तुम फिर दिल और जुबान ले आए हो
इसकी वजह क्या है जनाबे लुकमान अलला ने
कहा अगर यह दोनों उज पाक हो तो बेहतरीन
हैं और अगर यही पलीद हो तो बदतर हैं एक
दिन जनाबे लुकमान का आका बैतुल खला में
गया उसे गए हुए काफी वक्त गुजर चुका था
जनाबे लुकमान ने बुलंद आवाज से कहा बैतुल
खला में ज्यादा देर बैठना दर्दे जिगर और
बवासीर होने नीज बैतुल खला की आलूदा हरारत
मगज में जज्ब होने का मजब है लिहाज तदान
की हद तक बैठो और उठकर बाहर आ जाओ इसके
बाद दूसरों को समझाने के लिए यही बात
बैतुल खला के दरवाजों पर लिख दी गई हजरत
लुकमान अल सलाम के आका के बहुत ज्यादा
बागत और गुलाम थे जनाबे लुकमान भी उन
गुलामों में शामिल थे उनका अरबाब जो कि
जाहिर बीन था सफेद रंग और खूबसूरत गुलामों
को बागत में फल वगैरा तोड़ने के लिए भेजता
लेकिन जनाबे लुकमान को सख्त और पस्त कामों
मसलन झाड़ू वगैरह देने में लगा देता यूं
वो हजरत लुकमान अलैहि सलाम की तौहीन करता
हालांकि वो सीरत किरदार और मारफ में तमाम
गुलामों पर फौक रखते थे जनाबे लुकमान के
आका की यह गलत रवेश इस बात का मजब बनी कि
उसके गुलाम भी हजरत लुकमान को हकीर समझने
लगे और उनकी कदर कीमत के कायल ना थे बल्कि
बाज औकात उन्हें अजियत आजार पहुंचाते आका
ने एक मौका पर गुलामों को बाग में फल
तोड़कर लाने के लिए बेजा वह बाग में गए और
मुख्तलिफ किस्म के फल तोड़कर लाए लेकिन
आका की अदम मौजूदगी से फायदा उठाते हुए
उन्होंने वह तमाम फल खा लिए जब आका आया और
फलों का मुतालबा किया तो गुलामों ने झूठ
बोलते हुए कहा तमाम फल लुकमान खा गया है
आका ने जब यह बात सुनी तो वह जनाबे लुकमान
अल सलाम के बारे में बद जन हो गया हजरत
लुकमान समझ गए कि उनके आका की बदसलूकी और
नाराजगी का सबब गुलामों की उस तोहमत का
असर है वह अपने आका के पास गए और उसे यह
तजवीज देते हुए कहा ऐ मेरे आका आए और हम
सब गुलामों का इम्तिहान लें ताकि आपको
हमारे दरमियान में से अच्छे और बुरे का
इल्म हो सके उसने पूछा कि मैं तुम लोगों
का कैसे इम्तिहान लूं हजरत लुकमान ने कहा
कि हम सबको काफी मिकर में गर्म पानी दें
और हमें उसे पीने पर मजबूर करें इसके बाद
आप घोड़े पर सवार हो जाएं और अपना घोड़ा
बियाबान में दौड़ा एं जबकि सब गुलामों को
अपने पीछे पैदल दौड़ने का हुक्म दें ऐसा
करने से आपको यह राज मालूम हो जाएगा कि वह
फल मैंने खाए हैं या उन लोगों ने आका ने
इसी तरह इम्तिहान लिया हजरत लुकमान और
दूसरे तमाम गुलामों को गर्म पानी पीने पर
पर मजबूर किया फिर वह खुद तो घोड़े पर चढ़
बैठा और सबसे कहा मेरे पीछे-पीछे दौड़ो वह
सब अरबाब के पीछे दौड़ने लगे ज्यादा देर
ना गुजरी कि जिन गुलामों ने फल खाए थे
दौड़ने की वजह से उनकी हालत दग गू हो गई
उन लोगों ने जो फल वगैरह खाए थे उन्हें कह
कर दिया यूं आका समझ गया कि फल लुकमान ने
नहीं बल्कि दूसरे गुलामों ने खाए हैं और
लुकमान पर तोहमत लगाई है पस जनाबे लुकमान
अपने आका के सामने सुर्खरू हो गए और दूसरे
गुलामों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा
हजरत लुकमान एक मुद्दत तक किसी दूसरे शख्स
के गुलाम थे उसके कई और भी गुलाम थे लेकिन
वह अपने तमाम गुलामों में से हजरत लुकमान
से बहुत ज्यादा मोहब्बत करता था यहां तक
कि वह जब भी गिजा खाना चाहता तो पहले अपनी
गिजा हजरत लुकमान अल सलाम के पास लाता
ताकि वह खाएं जब वह खाना खा लेते तो उनका
बचा हुआ खाना बतौर तबक बड़े शौक से तनाव
करता एक दिन कोई शख्स हजरत लुकमान अल सलाम
के अरबाब के लिए खरबूजा बतौर हदियाना या
अरबाब ने हजरत लुकमान के सामने खरबूजे को
चीरा उसके टुकड़े किए और लुकमान को दिए
जनाबे लुकमान अपने आका से खरबूजे की फांगे
लेकर खाते रहे और यह जाहिर करते रहे कि वह
बड़ा मीठा है और बड़े मजे से खा रहा है जब
अरबाब ने देखा कि लुकमान बड़े शौक और जौक
से खा रहे हैं तो उसने एक फांग के इलावा
तमाम का तमाम खरबूजा लुकमान को दे दिया जो
उन्होंने खा लिया और एक फांग अपने लिए रख
ली जिस वक्त अरबाब ने व बची हुई खरबूजे की
फांग मुंह में डाली तो मालूम हुआ कि वह
खरबूजा तो जहर की मानिंद कड़वा है उसकी
कड़वाहट से जुबान पर आले बन गए गला जलने
लगा और उसकी हालत गैर हो गई अरबाब ने
जनाबे लुकमान से कहा आपने यह इतनी कड़वी
फांगे कैसे खाई हैं आपने उन्हें खाने से
हाथ क्यों नहीं खींचा जनाबे लुकमान ने
जवाब में कहा आपने सालहा साल से मुझे मीठी
मजेदार और मनपसंद गजा एं खिलाई हैं अब जब
कि एक बार कोई कड़वी चीज आ गई है तो क्या
यह मुनासिब है कि मैं उसे ना खाता और उस
पर ऐतराज करता और नमक हराम हो जाता बल्कि
हक शनास और शुक्र गुजारी का तकाजा यही है
कि मैं खामोश रहता पस ऐ खुदा के बंदे तुम
खुदा की नेमतों में गर्क हो जब भी जिंदगी
में थोड़ी देर के लिए कोई तल्ख और मुश्किल
आ जाए तो नाशक मत कर एक दफा हजरत लुकमान
अलैहि सलाम ने अपने बेटे को यूं नसीहत
फरमाई ऐ मेरे बेटे वाज रहे कि हजरत लुकमान
अल सलाम की बहुत ज्यादा औलाद थी लेकिन वह
अपनी बात का आगाज या बनया ऐ मेरे बेटे
कहकर करते थे जिससे लगता है कि उनका शायद
एक ही बेटा था तारीख ने उस बेटे का नाम
बाहरान लिखा है लेकिन उनका खिताब तमाम
औलाद से होता था अलबत्ता यह तजुर्बा का
खुतबा का तरीका का है कि वह बड़ों को
मुखातिब करके छोटों की तवज्जो अपनी तरफ
मबू कराते हैं और उन्हें वाइजो नसीहत करते
हैं चुनांचे आपने अपने बेटे से कहा ऐ मेरे
बेटे अपने दिल को लोगों की खुशनूर और उनकी
तारीफो तकरीब से वाबस्ता मत करो क्योंकि
ऐसी कोई चीज कोशिश के बावजूद इंसान के हाथ
में नहीं आती बेटे ने कहा कि मैं चाहता
हूं कि इस बारे में कोई अमली नमूना देखूं
ताकि मौजू को बेहतर तौर पर समझ सकूं हजरत
लुकमान ने फरमाया उठो और घर से बाहर चलो
ताकि मैं मौजू को समझा सकूं हजरत लुकमान
अल सलाम और उनका बेटा घर से निकले उनके
पास एक गधा भी था जनाबे लुकमान उस पर सवार
हुए और बेटा पैदल उनके पीछे रवाना हुआ वह
चलते-चलते एक ग्रह के पास पहुंचे उन लोगों
ने जब यह मंजर देखा तो कहा इस बूढ़े को
देखो कि कितना संग दिल है कि खुद तो गधे
पर सवार है लेकिन उसका बेटा पीछे-पीछे
पैदल आ रहा है सच बात है कि यह किस कदर
गलत काम है हजरत लुकमान ने अपने बेटे से
कहा क्या तुमने उनकी बातें सुनी हैं बेटे
ने कहा हां हजरत लुकमान ने कहा अब मैं
पैदल चलता हूं और तुम गधे पर सवार हो जाओ
जनाबे लुकमान पैदल रवा ना हुए और बेटा
सवार हो गया चलते-चलते उनकी मुलाकात एक और
ग्रह से हुई उस ग्रह ने जब यह मंजर देखा
तो कहा यह दोनों बाप बेटा कितने बुरे लोग
हैं बाप इस ऐतबार से बुरा है कि उसने अपने
बेटे की सही तरबियत नहीं की कि बेटा तो
सवार है जबकि बूढ़ा बाप पैदल चल रहा है और
बेटा इस लिहाज से बुरा है कि उसे अपने बाप
पर रहम नहीं आया और उस पर जुल्म कर रहा है
क्योंकि बाप का यह हक है कि उसका एहतराम
किया जाए और वह गधे पर पर सवार हो हजरत
लुकमान ने अपने बेटे से कहा आपने उनकी
बातें सुनी हैं बेटे ने कहा जी हां जनाबे
लुकमान ने फरमाया अब दोनों सवार हो जाते
हैं वह दोनों गधे पर सवार हुए और आगे बढ़
गए चलते-चलते एक ग्रह के पास पहुंचे उन
लोगों ने जब यह मंजर देखा तो कहा इन दोनों
सवारों के दिल में जरा बराबर रहम नहीं है
कि दोनों बेजुबान हैवान पर सवार हैं इन
लोगों ने इस हैवान की कमर तोड़ दी है
क्यों इस बेचारे हैवान की ताकत से ज्यादा
उस पर वजन डाला हुआ है बेहतर तो यह था कि
एक सवार होता और दूसरा पैदल चलता हजरत
लुकमान ने अपने बेटे से कहा आपने इन लोगों
की बातें सुनी हैं बेटे ने कहा जी हां
जनाबे लुकमान ने फरमाया आओ इस बार हम
दोनों गधे के पीछे-पीछे पैदल चलते हैं
दोनों गधे से उतरे और उसके पीछे पैदल
रवाना हुए वह चलते-चलते लोगों के एक ग्रह
के पास पहुंचे उन लोगों ने कहा यह दोनों
अजीब किस्म के जाहिल अफराद हैं सवारी के
होते हुए पैदल चल रहे हैं और सवारी को
खाली छोड़ा हुआ है यह किस कदर अहमक है
हजरत लुकमान ने अपने बेटे से फरमाया आपने
इन लोगों की गुफ्तगू सुनी है उसने अर्ज
किया जी हां जनाबे लुकमान ने फरमाया क्या
लोगों को राजी करने के लिए इसके अलावा और
कोई चारा है अब जब कि सूरते हाल यूं है तो
कभी लोगों की रजामंदी को अपना मेहबो मकसद
करार मत दो बल्कि खुदा वंदे कुद्दूसी की
रजा और खुशदीप मकसद और हद करार दो ताकि
दुनिया और आखिरत में सहादत काम कामयाबी
हासिल कर सको रिवायत में है कि एक दिन
हजरत लुकमान अल सलाम ने अपने बेटे को तीन
नसीहत करते हुए कहा ऐ पिस्र जान इन तीन
नसीहत को अपने हाफिज में महफूज कर लो और
इन पर अमल करो अपना राज अपनी बीवी को मत
बताओ अवान यानी हुक्मरानों के दफ्तरी हों
से दोस्ती मत करो नए और कम जर्फ दौलतमंद
से कर्ज ना लो हजरत लुकमान जब दुनिया से
रुखसत हो गए तो उनके बेटे ने इन नसीहत को
आजमाना चाहा और देखना चाहा कि इन कामों को
अंजाम देने से नुकसान क्या होगा जिनको
अंजाम ना देने की उसके हकीम बाप ने उसे
वसीयत की थी उसने एक गोस फंद जिबाह किया
उसे एक बोरी में डाला बोरी का मुंह बांधा
उसे उठाकर घर ले आया अपने पलंग के नीचे
गड़ा खोदा और उसे वहां पर दफन कर दिया
इसके बाद अपनी बीवी से कहा मेरा एक दुश्मन
था मैंने उसे कत्ल करने के बाद यहां पर
दफन कर दिया है मोहता रहना और इस राज को
पोशीदा रखना और कि किसी को मत बताना इसके
बाद अपने हमसाय में रहने वाले एक दफ्तरी
से दोस्ती कर ली हर रोज उसे दावत देता और
उसका दोस्त बन गया इसी मोहल्ला में एक
नौजवान रहता था उसका कोई खानदानी पसे मंजर
नहीं था उसने मेहनत और मशक्कत से दौलत
इकट्ठे की हुई थी वह ताजा-ताजा दौलतमंद
हुआ था और अपनी दौलत मंदी पर फख्र भी करता
था हजरत लुकमान के बेटे ने उससे कुछ दिरहम
कर्ज लिए और उन्हें घर में छुपाकर रख दिया
दिन गुजरते रहे एक दिन जनाबे लुकमान के
बेटे का अपनी बीवी से झगड़ा हो गया उसने
आहो बुका शुरू कर दी और बुलंद आवाज से कहा
ऐ बदक कातिल ऐ खून रेज तुमने एक शख्स को
बेगुनाह कत्ल करके घर में दफन कर रखा है
और अब मुझे भी कत्ल करना चाहते हो उसकी
आवाज हमसाय में रहने वाले उस हुकूमत
दफ्तरी के कानों में पड़ी जो लुकमान के
बेटे का दोस्त बना हुआ था वह फौरन बादशाह
के पास गया और सारी दास्तान उसके गोश
गुजार की बादशाह ने हुक्म दिया कि कोई
शख्स उस कातिल को हाजिर करें उसी हुकूमत
दफ्तरी ने कहा मैं उसे पकड़ कर लाता हूं
वह शख्स पिछले लुकमान के घर आया और इंतहा
दलत अमेज तरीके से उसे घर से खींचा और
दोस्ती वगैरह सब भूल गया उसे खींचते हुए
बादशाह के दरबार में ले जा रहा था कि
रास्ते में नए-नए दौलतमंद नौजवान ने जब
जनाबे लुकमान के बेटे को इस हाल में देखा
तो लोगों के सामने इंतहा गुस्से के आलम
में आकर उसे पकड़ा और कहा अगर तुम्हें
कत्ल के बदले में कत्ल करेंगे तो मेरी रकम
डूब जाएगी लिहाजा मुझसे लिए हुए दिरहम अभी
वापस करो उसने यूं नामर्दी का मुजाहि करते
हुए जनाबे लुकमान के बेटे की अहान की
बहरहाल लोग वहां पर इकट्ठे हो गए और जनाबे
लुकमान के बेटे को इंतहा तौहीन अमेज तरीके
से बादशाह के दरबार की तरफ ले गए जिस वक्त
फरजंद ए लुकमान बादशाह के सामने खड़ा हुआ
तो उनके दरमियान होने वाली गुफ्तगू कुछ
यूं थी बादशाह ने कहा तुम तो लुकमान के
बेटे हो लिहाजा मुनासिब नहीं था कि तुम
कत्ल गारत के मुरत किब होते फरजंद ए
लुकमान ने जवाब दिया मैंने बिल्कुल नाहक
खून नहीं बहाया और ना ही किसी शख्स को
कत्ल किया है दफ्तरी बोला यह झूठ बोल रहा
है इसने एक शख्स को कत्ल करने के बाद उसका
जनाजा अपने घर में दफन कर रखा है फर्जंद
लुकमान ने कहा मैं बादशाह से कहता हूं कि
हुक्म दे कि यह लोग उस मकतूल को हाजिर
करें और वह एक बोरी में है जिसे मैंने
फलां जगह पर दफन किया है बादशाह ने हुक्म
दिया कि उस जनाजे को हाजिर किया जाए हुकूम
ती कारिंदे जनाब लुकमान के बेटे के घर आए
उसकी बीवी ने दफन की जगह की निशानदेही की
उन लोगों ने वहां से खुदाई की वहां से एक
बोरी निकाली और मुंह बंद बोरी बादशाह के
सामने ले आए जब उन लोगों ने बोरी का मुंह
खोला तो क्या देखते हैं कि वह तो एक गोस
फंद का लाशा है कि जिसे जिबाह किया हुआ है
हाजरी यह माजरा देखकर हैरान और परेशान रह
गए बादशाह ने कहा ऐ पिस्र लुकमान तुमने
गोसम को जिबाह करने के बाद क्यों दफन किया
है इसकी वजह हमारे सामने बयान करो फरजंद ए
लुकमान ने कहा मेरे बाप ने मुझे यूं वसीयत
की थी कि अपना बेद अपनी बीवी से मत कहो
हुकूमत दफ्तरी को अपना दोस्त मत बनाओ और
ताजा सर्वत मंद से कर्ज मत लो मैं अपने
वालिद बुजुर्ग वार की इन वसीय तों को
आजमाना चाहता था उन्हें आजमाने के बाद
अपने पिदु जुर्ग वार की हिकमत सच्चाई को
समझा हूं और मेरे ऊपर वाज हो गया है कि
उनकी बात ऐन हकीकत है जो कोई भी इस नसीहत
को सुन रहा है उसके लिए बेहतर है कि अपना
राज अपनी बीवी से ना कहे ताजा दौलतमंद से
कभी कर्ज ना ले और हुकूमत दफ्तरी से
बिल्कुल दोस्ती ना लगाए और अपने खाना ए
दिल को आहम कों की दोस्ती से पाक साफ रखें
ताकि दुनिया और आखिरत की खुश बख्ती पा सके
और आखिर में हजरत लुकमान की अपने बेटे को
की गई चंद और नसीहत जो यकीनन हमारे काम
आने वाली हैं बेटा दुनिया पर भरोसा मत करो
क्योंकि गुनाह और शैतान इसमें है दुनिया
को अपने लिए य दिनदान बनाओ ताकि आखिरत
तुम्हारे लिए बहिश्त करार पाए ऐ पिस्र जान
तुम पहाड़ को अपनी जगह से नहीं उखाड़ सकते
और ऐसा काम तुम्हारे जिम्मे लगाया भी नहीं
जाएगा पस बला और मुश्किल को अपने कांधे पर
मत उठाओ और अपने आप को अपने हाथों से हलाक
मत करो बादशाहों का हमसाया मत बनना वह
तुम्हें हलाक कर देंगे उनकी अतात और पैरवी
मत करना वरना काफिर हो जाओगे कमजोर और
हाजत मंदो की हमनशी इख्तियार करो और उनके
हमदम बनो ऐ पित्रे जान खुदा की बारगाह में
यह अर्ज करने वाला कि खुदाया मुझे माफ कर
दे इससे कोई बख्शा नहीं जाएगा क्योंकि
इंसान अमल और अतात इलाही करने की बिना पर
बख्शा जाएगा ऐ मेरे बेटे पहले हमसाय को
देखो बाद में घर लो पहले हम सफर को देखो
बाद में सफर पर जाओ ऐ बेटे ना अहल की हम
नशीन से तन्हाई बेहतर है साले हमनशीन
तन्हाई से बेहतर है वजनी पत्थर और लोहे को
उठ उठाना बुरे हमनशीन से बेहतर है ऐ बेटे
जो कोई भी जुबान पर काबू नहीं रखता वह
पशेमानी होता है बुजुर्गों से मशवरा करो
और छोटों के साथ मशवरा करने से शर्म मत
करो फास्को की हमनशीन और महफिल से परहेज
करो क्योंकि वह ऐसे कुत्ते हैं कि अगर
तुम्हारे पास कोई चीज पाएंगे तो उसे खा
जाएंगे वरना तुझे जलील और रुसवा करेंगे
उनके साथ दोस्ती इंतहा थोड़ी और ना
पायदे जान अगर तुम्हें रोज कयामत के बारे
में शक है तो नींद से बेदार होने को अपने
आप से दूर रखो जबकि तुम्हारे अंदर इतनी
कुवत और ताकत नहीं है और अगर तुम इन दोनों
के बारे में गौर और फिक्र करोगे तो समझ
जाओगे कि तुम्हारी जान किसी और के कब्जे
में है क्योंकि नींद मौत है और नींद के
बाद बेदार होना मौत के बाद कयामत बरपा
होने के मानिंद है बेटा जान मैंने 7000
हिकमत सीखी हैं उनमें से सिर्फ चार को याद
कर लो और उन पर अमल करो और मेरे साथ
बहिश्त में चलो अपनी कश्ती को मजबूत बनाओ
क्योंकि जिंदगी का समंदर बहुत गहरा है
गुनाहों का बोझ हल्का करो क्योंकि गुजर गह
इंतहा मुश्किल और दुश्वार घटी है सफरे
आखिरत के लिए काफी मिकता में ज्यादा राह
मुहैया करो क्योंकि यह सफर बहुत लंबा है
अपना अमल खुलूस से अंजाम दो क्योंकि आमाल
की जांच पड़ताल करने वाला बहुत तेज बीन और
बहुत साहिबे बसीरत है फिर फरमाया तुम्हारी
जवानी के बा बारे में सवाल होगा कि तुमने
अपनी उम्र किस राह में खत्म की है तुमने
माल किस रास्ते से इकट्ठा किया है उस माल
को किस रास्ते में खर्च किया है इन सवालात
के
जवाबाइकिरण अल्लाह के एहसान और कम की तरफ
मुतजेंस में तौबा की तजी करते रहो हमेशा
अपने दिल में तौबा की तज दीद करते रहो और
मौत के आने से पहले फुर्सत से फायदा उठाओ
किसी शख्स ने हजरत लुकमान से पूछा कौन सा
इंसान बदतर इंसान है हजरत लुकमान ने
फरमाया वह शख्स बदतर है जिसे इस बात की
परवाह ना हो कि लोग उसे बद किरदार समझेंगे
किसी शख्स ने जनाबे लुकमान अल सलाम से कहा
तुम किस कदर बदसूरत हो जनाबे लुकमान ने
जवाब में फरमाया तुम मेरी शक्लो सूरत के
ऐब निकाल रहे हो या मेरी शक्लो सूरत की
नकाशी करने वाले अल्लाह के अल्लाह ताला
हमें अपने बताए हुए रास्ते पर चलने और
बुराइयों से बचने की तौफीक अता फरमाए आखिर
में दुआ है कि अल्लाह ताला हमें अपने
रास्ते पर चलने और बुराइयों से बचने की
तौफीक अता फरमाए आमीन उम्मीद करता हूं कि
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