New Naat 2018 - Ya Sub Tumhara Karam Hai Aaqa - Hafiz Tahir Qadri Latest Naat
Ye Sab Tumhaara Karam Hai, Aaqa ! Ki Baat Ab Tak Bani Hui Hai
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा ! कि बात अब तक बनी हुई है
कोई सलीक़ा है आरज़ू का
न बंदगी मेरी बंदगी है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
किसी का एहसान क्यूँ उठाएँ
किसी को हालात क्यूँ बताएँ
तुम्हीं से माँगेंगे, तुम ही दोगे
तुम्हारे दर से ही लो लगी है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
तजल्लियों के कफ़ील तुम हो
मुराद-ए-क़ल्ब-ए-ख़लील तुम हो
ख़ुदा की रौशन दलील तुम हो
ये सब तुम्हारी ही रौशनी है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
'अमल की मेरे असास क्या है
ब-जुज़ नदामत के पास क्या है
रहे सलामत तुम्हारी निस्बत
मेरा तो इक आसरा यही है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
'अता किया मुझ को दर्द-ए-उल्फ़त
कहाँ थी ये पुर-ख़ता की क़िस्मत
मैं इस करम के कहाँ था क़ाबिल
हुज़ूर की बंदा-परवरी है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
बशीर कहिए, नज़ीर कहिए
इन्हें सिराज-ए-मुनीर कहिए
जो सर-ब-सर है कलाम-ए-रब्बी
वो मेरे आक़ा की ज़िंदगी है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
यही है, ख़ालिद ! असास-ए-रहमत
यही है, ख़ालिद ! बिना-ए-अज़मत
नबी का 'इरफ़ान ज़िंदगी है
नबी का 'इरफ़ान बंदगी है
ये सब तुम्हारा करम है, आक़ा !
कि बात अब तक बनी हुई है
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