Sada Giyarween Hum Manaty Rahenge Mp3 Download - Hafiz Tahir Qadri Manqabat 2021
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Sada Giyarween Hum Manaty Rahenge - Hafiz Tahir Qadri - Manqabat 2021
Naat Khuwan : Hafiz Tahir Qadri & Hafiz Ahsan Qadri
Audio : RWDS Studio
Director : Syed Muhammad Bilal Sani
Poet : Asim Ul Qadri Muradabadi
Edit&Post : Qazi Shaheer Qadri
Label : TQ Productions
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे, सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे / Manaaqib Ki Mahfil Sajaate Rahenge, Sada Gyarhveen Ham Manaate Rahenge
ग्यारहवीं वाले ! मेरे ग्यारहवीं वाले !
ग्यारहवीं वाले ! मेरे ग्यारहवीं वाले !
इमदाद कुन, इमदाद कुन
अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन
या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर !
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
नियाज़-ए-अक़ीदत दिलाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
वो ग़ौस-उल-वरा जो 'अता-ए-नबी हैं
जो 'उश्शाक़ की जान और ज़िंदगी हैं
कि हम माल उन पर लुटाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
वो ग़ौस-उल-वरा जो मुसीबत को टालें
परेशान को अपने सीने लगा लें
उन्हें हाल दिल का सुनाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
हैं बग़दाद वाले सख़ावत में आ'ला
कोई उन की चौखट से ख़ाली न लौटा
दर-ए-ग़ौस से फ़ैज़ पाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मनाते हैं जो ग्यारहवीं ख़ुश-दिली से
मोहब्बत जो करते हैं ग़ौस-ए-जली से
क़यामत तलक जगमगाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मेरे ग़ौस को रब ने बख़्शा वो रुत्बा
तिराई है कश्ती, किया मुर्दा ज़िंदा
करामत ये, 'आसिम ! सुनाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे
सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
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