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Bhai ka pahla chehlum hai Lyrics Zindan mein Zainab Roti Hai Bhai ka Pahla Chehlum Hai Lyrics ज़िन्दान में ज़ैनब रोती है भाई का पहला चेहलुम है Lyrics - Ali Mohammad Sultanpuri Nohay 2021 | Bhai Ka Pehla Chehlum Hai | Arbaeen Noha | Chelum Imam Hussain | Zindan Me Zainab Roti Hai

 

Ali Mohammad Sultanpuri Noha 2021 | Bhai Ka Pehla Chehlum Hai | Arbaeen Noha | Chehlum Imam Hussain
ANJUMAN SIPAH-E-HUSSAINI, BHANAULI SADAT

Bhai ka pahla chehlum hai Lyrics 
Zindan mein Zainab Roti Hai Bhai ka Pahla Chehlum Hai Lyrics
ज़िन्दान में ज़ैनब रोती है भाई का पहला चेहलुम है Lyrics


ज़िन्दान में ज़ैनब रोती है भाई का पहला चेहलुम है
सर अपना झुकाये बैठी है भाई का पहला चेहलुम है

वो नज़्र दिलाये किस तरह पानी भी नही है एक क़तरा 
ग़ाज़ी की बहोत याद आती है भाई का पहला चेहलुम है

दिल खोल के रोने न पाई अपने भाई पे माजाई 
रोने पे भी पाबंदी है भाई का पहला चेहलुम है 

इस तरह कोई मजबूर न हो और इतने ग़मो से चूर न हो
ज़हरा की दुलारी क़ैदी भाई का पहला चेहलुम है

कुलसूम के दिल पे क्या गुज़री ये जान नही पाया कोई
चेहरे पे बहोत मायूसी है भाई का पहला चेहलुम है

अठ्ठारह बरादर की ख़्वाहर किस तरहा रखे दिल पे पत्थर 
ज़िन्दान है और लाचारी है भाई का पहला चेहलुम है

ज़िन्दान के अंदर अये वाएज़ है हश्र का मंजर अये वाएज़
ग़ुरबत है अली की बेटी है भाई का पहला चेहलुम है

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